Bicentenary Reflections on William Moorcroft and His Chronicler
A Virtual Seminar in Memory of William Moorcroft and Prof. Garry Alder The year 2025
A Virtual Seminar in Memory of William Moorcroft and Prof. Garry Alder The year 2025
पहाड़ द्वारा अपनी शुरुआत से ही सामाजिक-बौद्धिक विमर्श को आगे बढ्ने के लिए व्याख्यान शृंखला
अस्कोट-आराकोट अभियान 2024 में सम्मिलित हुए कई यात्री चित्रों के माध्यम से अपने अनुभवों को
तिलाड़ी काण्ड की पृष्ठभूमि वनों के सीमांकन के साथ ही बन चुकी थी जब स्थानीय ग्रामीणों को उन्हे उन्हीं के जंगलों की सीमा पर बाँध दिया गया। टिहरी राजदरबार द्वारा लगातार ब्रिटिश साम्राज्यवादी माडल को इन क्षेत्रों में लागू किया जा रहा था, जिसमें वनों को अकूत संपत्ति अर्जित करने का स्रोत मान लिया गया था।
शेरपा, जिन्हें कि बरफीले क्षेत्रों का बाग कहा जाता है और 1920 से अब तक के ऐवरेस्ट अभियानों में जिनके 23 पुरूष दिवंगत हो चुके हैं, यहाँ के पुराने निवासी हैं। उनकी चारे और ईधन की जरूरत से सैकड़ों सालों में भी प्राकतिक सन्तुलन नहीं टूटा।
चोमोलंगमा या सागरमाथा पर चढ़ने वाले वाले शेरपा तेनजिंग नोरगे और एडमंड हिलेरी ने शिखर पर पहुँचने के बाद ही एहसास किया कि इतना आकर्षक पर्वत शिखर बहुत नाजुक और संवेदनशील तो है ही, इसके चारों रहने वाला वाला समाज भी उतना ही बाहरी दबावों के खतरों से घिरा है। एडमंड हिलेरी ने अपने अनुभवों और चिंताओं को नेशनल ज्योग्राफिक में प्रकाशित किया।
यह लेख 2016 में ‘सामी आदिवासी’ नाम से प्रकाशित पुस्तिका के अंशों को जोड़ कर बनाया गया है। पहाड़ पोथी के इस प्रकाशन के लेखक श्री सईद शेख़ हैं।
मंगलेश दा के जाने पर पीड़ा ज्यादा ही गहरी और चुभन भरी महसूस हुई। पता नहीं, मैं किस रिश्ते से मंगलेश दा के बारे में सोचता हूँ? अपने कवि के पाठक/श्रोता की हैसियत से या दा के भाई के रूप में या एक गड़बड़ाये जा रहे समाज और देश के एक सह नागरिक के रूप में?
पर्यावरण,पारिस्थितिकी के साथ-साथ आज जलवायु परिवर्तन सम्बन्धी बहस के इस दौर में सस्टेनेबल मिलेनियम डेवलपमेंट
बेगार का सामान्य अभिप्राय मजदूरी-रहित जबरन श्रम था। औपनिवेशिक कुमाऊँ में इसका अभिप्राय मजदूरी-रहित या अल्प मजदूरी देकर कराये गये जबरिया श्रम और जबरन सामग्री लिये जाने की प्रक्रिया से था। बेगार देने के लिए स्थानीय काश्तकारों को बंदोबस्ती इकरारनामों के अनुसार बाध्य किया जाता था।