संपादकीय टीम

पहाड़ ऑनलाइन का सम्पादन, पहाड़ से जुड़े सदस्यों का एक स्वैच्छिक समूह करता है। इस उद्देश्य के साथ कि पहाड़ संबंधी विमर्शों को हम कुछ ठोस रूप भी दे सकें।

खिले हैं बुरांश

थ्रीश कपूर एक जाने माने फोटोग्राफर है। उत्तराखंड ग्रामीण बैंक के चेयरमैन पद से रिटायर होने के पश्चात भी उन्होंने रिटायरमेंट लेने से मना कर दिया और अपनी दूसरी पारी शुरू की – हास्पिटैलिटी सेक्टर में। हिमालय की गोद में पले बड़े थ्रीश कपूर का बुरांश प्रेम इस बात से भी जाहिर होता है की कौसानी में उन्होंने अपने रिज़ॉर्ट का नाम भी बुरांश ही रखा।

ओड़-बारुड़ि जैसा वो कवि

नैनीताल मेरी नज़रों में आभिजात्य लोगों का ही शहर तो था। डीएसबी में एडमिशन लेने के बाद ऐसे गाढ़े अँग्रेज़ी माहौल में मुझे ठेठ पहाड़ी जुमले ‘भभरि जाने’ का असली एहसास होने लगा। और तब गिरदा प्रकट हुए।

कालापानी और लीपूलेख: एक पड़ताल

भारतीय तथा नेपाली राजनय, राजनीति, मीडिया और नागरिक समाज को समझदारी और परस्पर सम्मान के साथ इन विवादों को समझना व सुलझाना होगा। संकुचित राष्ट्रवाद न नेपाल को कहीं ले जायेगा और न भारत को। याद रहे कि दो भाइयों से पहले ये दो राष्ट्र दक्षिण एशिया के दो स्वायत्त और स्वतंत्र गणतंत्र हैं।

लॉकडाउन में उत्तराखंड

इस चित्रात्मक लेख में हम ‘पहाड़’ के मित्रों द्वारा उत्तराखंड के विभिन्न भागों से भेजे गए चित्रों को प्रस्तुत कर रहे हैं। ये चित्र केवल आज की हकीकत नहीं बल्कि सवाल हैं की हम किस तरह की दुनिया, देश और समाज चाहते हैं। ये सभी चित्र अप्रैल 18 से 20 तारीख के बीच खींचे गए हैं।

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