लॉकडाउन में उत्तराखंड

इस चित्रात्मक लेख में हम ‘पहाड़’ के मित्रों द्वारा उत्तराखंड के विभिन्न भागों से भेजे गए चित्रों को प्रस्तुत कर रहे हैं। ये चित्र केवल आज की हकीकत नहीं बल्कि सवाल हैं की हम किस तरह की दुनिया, देश और समाज चाहते हैं। ये सभी चित्र अप्रैल 18 से 20 तारीख के बीच खींचे गए हैं।

उत्तराखंड का ये सौभाग्य रहा है की कोरोना वायरस ने अब तक पहाड़ों की ओर रुख नहीं किया। कोविड19 का सीमित प्रभाव अब तक तराई  भाभर में ही दिखा है। पर लॉकडाउन ने, भारत के अन्य भागों की तरह, पूरे उत्तराखंड को खामोश सा कर दिया है। इस चित्रात्मक लेख में हम ‘पहाड़’ के मित्रों द्वारा उत्तराखंड के विभिन्न भागों से भेजे गए चित्रों को प्रस्तुत कर रहे हैं। ये चित्र केवल आज की हकीकत नहीं बल्कि सवाल हैं की हम किस तरह की दुनिया, देश और समाज चाहते हैं। ये सभी चित्र अप्रैल 18 से 20 तारीख के बीच खींचे गए हैं।

जहाँ शहरों में सन्नाटा है वहीं ग्रामीण जीवन अब भी अपनी रफ्तार से चलने की पूरी कोशिश कर रहा है। देखना ये होगा की कहीं आने वाले समय में आर्थिक लॉकडाउन हमारे गाँव को खामोश ना कर दे।

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बागेश्वर
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गरुड़
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गोपेश्वर
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