उत्तराखंड में रामलीला की परंपरा
उत्तराखंड में रामलीला मंचन में समसामयिक विषयों एवं घटनाक्रमों को भी शामिल करना इसकी प्रयोगधर्मिता का उदाहरण है। 1947 ई0 में स्वतंत्रता प्राप्ति के उल्लास एवं उत्साह की अभिव्यक्ति रामलीला के मंच में प्रमुख देवताओं के छायाचित्रों के साथ नेताजी सुभाषचन्द्र बोस का छायाचित्र रखे जाने और देशभक्ति के गीतों का रामलीला में समावेशन किया जाना इस बात का प्रमाण है कि समसामयिक विषयों अथवा प्रसंगों को लेकर रामलीला आयोजक किस तरह संवेदनशील थे।