प्रभात उप्रेती

नब्बे के दशक में पालीथीन मुक्त पर्यावरण और स्वच्छता को लेकर छेड़े गए अभियान के कारण पालीथीन बाबा के नाम से चर्चित रहे डा. प्रभात उप्रेती लगभग चार दशकों तक उच्चशिक्षा से जुड़े रहे. कवि, कथाकार, लेखक, राजनैतिक विश्लेषक, सामाजिक कार्यकर्ता, और घुमक्कड़ रहे। डा. उप्रेती उत्तराखंड के समाज-संस्कृति के गहन अध्येता हैं।

ग्यारह नंबर की गाड़ी 

जब उत्तरकाषी के पुरोला में पहली ज्वाइनिंग के लिए गया तो चार पहिया बरसात में बडकोट ही थम गयी बस फिर ग्यारह नम्बर की गाड़ी से ही बड़कोट से खूबसूरत राड़ी का डांडा पार कर पुरोला पहुंचा  और तब से सिलसिला पैदल यात्रा का जारी रहा।

पहाड़ के बारे में कुछ!