ग्यारह नंबर की गाड़ी
जब उत्तरकाषी के पुरोला में पहली ज्वाइनिंग के लिए गया तो चार पहिया बरसात में बडकोट ही थम गयी बस फिर ग्यारह नम्बर की गाड़ी से ही बड़कोट से खूबसूरत राड़ी का डांडा पार कर पुरोला पहुंचा और तब से सिलसिला पैदल यात्रा का जारी रहा।
जब उत्तरकाषी के पुरोला में पहली ज्वाइनिंग के लिए गया तो चार पहिया बरसात में बडकोट ही थम गयी बस फिर ग्यारह नम्बर की गाड़ी से ही बड़कोट से खूबसूरत राड़ी का डांडा पार कर पुरोला पहुंचा और तब से सिलसिला पैदल यात्रा का जारी रहा।