
उत्तराखण्ड की तेरह भाषाओं के लगभग 2268 आधारभूत शब्दों को लेकर एक सम्मिलित व्यावहारिक कोश की रचना करने का प्रयास इस शब्दकोश में किया गया है। कोश विज्ञान की दृष्टि से देखा जाय तो यह बहुभाषी कोश है। जिसमें किसी एक भाषा को महत्व न देते हुए कुमाउँनी, गढ़वाली, जाड़, जोहारी, जौनपुरी, जौनसारी, थारू, बंगाणी, बुक्साड़ी, माच्र्छा, रं-ल्वो, रवांल्टी, तथा राजी भाषाओं में से प्रत्येक के समानार्थी शब्दों का चयन करते हुए एक साथ इस प्रकार प्रस्तुत किया गया है कि परस्पर उनकी भिन्नता व समानता देखी जा सकती है। इन शब्दों को भी एक क्रम में प्रस्तुत न करते हुए वर्गीकृत रूप में दिया गया है। यह शब्दावली एक ओर भाषाओं की अपनी विशिष्टता को बताती है तो दूसरी ओर भाषाओं का मेल-जोल भी दिखाती है जैसाकि समाज में सदा से होता आया है। वैश्वीकरण के इस दौर में यह शब्दकोश क्षेत्रीय भाषा-वैविध्य को संजोने में उपयोगी होगा।