PAHAR-13

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इस अंक में ……..
पहाड़ की ओर से
शैलेश मटियानी के मायने
खण्ड 1 : आत्मकथ्य
मैं और मेरी रचना प्रक्रिया शैलेश मटियानी
खण्ड 2 : पत्र तथा बातचीत
पत्र
बातचीत प्रकाश मनु/ शैलेन्द्र चौहान/ रमेश तैलंग
खण्ड 3 : मेरी यादों के शैलेश
‘पिछले में ये औरत रहे होंगे’ नीला मटियानी
शैलेश को याद करते हुए कृष्णा सोबती
बड़-दा पानू खोलिया
जैसा मैंने उन्हें जाना-समझा शेखर जोशी
हमारा भी दोस्ताना था जीवन
क्या शैलेश फिर लौटेगा गिरिराज किशोर
पहाड़ जिन पर टूटता ही रहा ममता कालिया
सिर्फ कुछ यादें प्रेम सिंह नेगी
हिन्दी का अभिमन्यु महेश पाण्डे
मटियानी से मुठभेड़ मूलचन्द गौतम
उनके वे अंधेरे दिन देवेश ठाकुर
जुनून से शुरू: विक्षिप्त में अंत महेन्द्र सिंह मटियानी
संघर्ष का दूसरा नाम हिमाशु जोशी
दण्डित देवदूत थे बाबू नवीन कुमार त्रिपाठी
खण्ड 4 : मेरी नजर में शैलेश
मेरे रमौलिया दाजू गिरिश तिवारी ‘गिर्दा’
दो कठिन पाटों के बीच राजेन्द्र यादव
प्रतिभा का बलि चढ़ना पंकज बिष्ट
शैलेश की मौत पर राजकिशोर
वे साहित्य के होल टाइमर थे यश मालवीय
एक अनुभव पुंज हरीश चन्द पाण्डे
शैलेश मटियानी: अपने आइने में राजी सेठ
उपेक्षा ही जीवन कथा रही हृदयेश
नजर अपनी-अपनी कैलाश चन्द्र पंत
सारत: जनपक्षधर लाल बहादुर वर्मा
लेखक बन सकने का आकांक्षी बटरोही
ऊँचे पाये के रचनाकार दामोदर दत्त दिक्षित
एक अनुभव- विश्व की क्षति शिव कुमार मिश्र
यह व्यक्ति का जाना भर नहीं है क्षितिज शर्मा
हम पाखण्डी और वह इब्बार रब्बी
लेखक होना क्या होता है अमर गोस्वामी
‘जिन्दगी का जवाब खुद जिन्दगी है’ रमेश चन्द्र शाह
एक रूका हुआ रास्ता रमेश उपाध्याय
खण्ड 5 : शैलेश की रचनाओं पर
शैलेश-साहित्य में कुमाऊँ का ललित जोशी
समकालीन इतिहास
नई कहानी और शैलेश मधुरेश
‘अर्द्धांगनी’: स्मृति और यथार्थ की सहरात्री प्रभाकर श्रोत्रिय
‘स्त्री तत्व भी क्या चीज है दिवा भट्ट
शैलेश का समग्र रचना संसार राजेन्द्र कैड़ा
इस अंक के बाबत कुछ पत्र
Year Of Publication: 2001
Book Type: Hindi Book, PAHAR Annual
No. Of Pages: 272
Availability Status: PDF available, Print Copy Available
ISBN: 81-86246-17-7
Price: 400
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